Tuesday, December 22, 2015

ज़िन्दगी और कस्ती

ज़िन्दगी का सफर है एक कस्ती का गोता लगाना
हर राह मिलेगी एक किनारा
लगेगा बस यहीं थम जाना
पर जैसे ही मंजिल पास आएगी
एक तूफान भी अपने  साथ लाएगी
लेजाएगी हमे कहीं और
ढूंढने अपना दूसरा किनारा
बस युहीं चलते जाना 

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